भारत का पड़ोसी देश नेपाल जो आज तक कभी भी किसी का गुलाम नही बना यहां के वीर गुरखा के बारे में पूरी दुनिया जानती है जिसको लेकर हिटलर ने भी कहा था कि अगर मेरे पास गुरखा रेजीमेंट के सिपाही होते तो मैं आज दुनिया पर राज करता. वैसे नेपाल अपनी खूबसूरती और संस्कृति के लिए जाना जाता है वैसे तो नेपाल में बहुत से घूमने की जगह है जैसे काठमांडू, पोखरा, लुंबनी, पाटन, चितवन नेशनल पार्क, खुंबू, नगरकोट, जनकपुर, पशुपतिनाथ मंदिर, मनोकामना देवी मंदिर, इत्यादि ऐसे जगह है जहा आप जा सकते है. और यहां के खूबसूरत Nepal Me Ghumne ki Jagah को देख सकते है और आप को बता दे दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत माउंट एवरेस्ट यही पे मौजूद है जिसे देखने और इसे ट्रेक करने देश विदेश से लोग आते रहते है।
नेपाल (Nepal) :– नेपाल की राजधानी काठमांडू है जहा पर आप घूम सकते है. नेपाल के ट्रेडिशनल फूड, डांस, कल्चर, इत्यादि का मजा ले सकते है वैसे नेपाल में घूमने के लिए बहुत सी जगह है लेकिन यहां के 10 प्रमुख जगह है जो आप को नीचे दिए गए है
4. जनकपुर में घूमने की जगह (Janakpuri me Ghumne ki Jagah)
Nepal Me Ghumne ki Jagah
1. काठमांडू में घूमने की जगह (Kathmandu me Ghumne Ki Jagah)
काठमांडू (Kathmandu):- काठमांडू जो नेपाल की राजधानी है नेपाल के सबसे बड़े और सबसे विकसित शहरों में से एक काठमांडू जो नेपाल की संस्कृति, सभ्यता और इतिहास का महत्वपूर्ण केंद्र है आइए जानते हैं काठमांडू में घूमने लायक कुछ महत्वपूर्ण जगह —
- पशुपतिनाथ मंदिर:– काठमांडू में स्थित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है. इस मंदिर को लगभग 5 से 6 सदी पूर्व में बनाया गया था. इसके आस पास बागमती और विष्णुमती जो उत्तर काठमाण्डु के शिवपुरी पर्वत के टोखा से निकलती है। यह नदी हिंदू धर्म में पवित्र मानी जाती है और श्रद्धालु यहां स्नान करने आते हैं. काठमांडू का यह जगह सबसे ज्यादा फेमस है. लोग दूर-दूर से पशुपतिनाथ मंदिर आते हैं।
- घंटाघर:– घंटाघर को “कुमारी का घर” भी कहा जाता है, और यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल भी है जिसे नेपाल के पारंपरिकता और संस्कृति का प्रतीक माना जाता है यह पर्यटकों को नेपाली संस्कृति, धर्म और परंपरागतता का अनुभव करने का एक अद्भुत स्थान प्रदान करता है. बताया जाता है इसे लगभग 18 वीं सदी में बनाया गया था. यह जगह काठमांडू के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है. अगर आप काठमांडू का सैर करने आ रहे हैं तो यहां जरूर जाए. यहां पर सबसे अधिक विदेशी पर्यटक आते हैं.
- स्वयंभूनाथ:– नेपाल के काठमांडू में लोकप्रिय स्वयंभूनाथ जिसे “मोन्क टेम्पल” के नाम से भी जाना जाता है यह बौद्ध धर्म का प्रमुख तथा प्राचीन स्तूप है, जिसे एक प्रमुख धार्मिक स्थल भी कहा जाता है. स्वयंभूनाथ नेपाल के पर्यटन और धार्मिक स्थलों में से एक है और विश्वभर से यात्री इसे देखने के लिए आते हैं. बताया जाता है इसे लगभग 2,000 वर्ष पहले बनाया गया था. जो नेपाल के धार्मिक और सांस्कृतिक जीवन का एक महत्वपूर्ण तत्त्व है. यहां पर भिक्षुओं, बौद्ध साधुओं और परंपरागत धार्मिक उत्सवों के दौरान भक्तजन आते हैं. इसमें शंकराचार्य मंदिर भी है, जिसे आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित किया गया था. बता दें स्वयंभूनाथ स्थल भूकंपों से बचे हुए हैं और यहां से आप काठमांडू नगरी के प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं.
2. पोखरा में घूमने की जगह ( Pokhra me Ghumne Ki Jagah)
पोखरा(Pokhra):– नेपाल का सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल पोखरा, अपनी हिमालय श्रृंखला और झीलों के लिए जाना जाता है वैसे तो नेपाल में झूमने की जगह की कमी थोड़ी ना है लेकिन अगर बात आए नेपाल की खूबसूरती का तो पोखरा इसका जीता जागता नमूना माना जा सकता है पोखरा की प्रमुख विशेषता फेवा झील है, जो मीठे पानी की एक विशाल झील है। कॉफी की दुकानें, पब और विदेशी व्यंजन जो झील के किनारों को घेरे हुए हैं, जो यात्रियों और निवासियों दोनों को आकर्षित करते हैं।आप वहा की खूबसूरत वादिया और ट्रेडिशनल फूड को इंजॉय कर सकते हैं दुनिया का सबसे ऊंचा शिखर माउंट एवरेस्ट भी यही से देखा जा सकता है पोखरा में आप बहुत से एक्टिविटीज कर सकते है जिसमे पैराग्लाइडिंग, नौकायन, ट्रैकिंग, राफ्टिंग, कैनोइंग और बंजी जंपिंग, इत्यादि सामिल है पोखरा में घूमने के कुछ जगह —
- पुराना बाज़ार:–पुराना बाजार का बिन्ध्यबासिनी मंदिर सबसे प्रसिद्ध है अगर आप को घूमने या कुछ शॉपिंग करने का मन हो तो आप पुराना बाजार जा सकते है जो शॉपिंग के लिए सबसे अच्छा जगह माना जाता है यह स्थान फेवा झील से केवल 4 किमी दूर है और विभिन्न प्रकार के पारंपरिक समान का मुख्य बाजार है बिन्ध्यबासिनी मंदिर, पोखरा के सबसे महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है।
- सारंगकोट:–पोखरा दर्शनीय स्थल में से एक सारंगकोट ग्रामीण क्षेत्र है जो अद्भुत दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है। यह समुद्र तल से 1600 मीटर की ऊँचाई पर बसा एक बहुत ही सुंदर गांव है। पर्यटकों के लिए यह पैराग्लाइडिंग का मुख्य केंद्र भी है। यहाँ से सनसेट को देखना मतलब एक यादगार दृश्य को आँखों में समाने जैसा है यहाँ से अन्नपूर्णा, धौलागिरी, मनस्लू व पोखरा की घाटी का मनोरम दृश्य दिखता है। यहां पे आप फोटोग्राफी भी कर सकते है जिसमे अलग-अलग ऐंगल से आप तस्वीरें खींच सकते हैं। यहां पे विश्व की सबसे तेज़ ज़िपलाईन भी मौजूद है यहां की हरियाली और शांत माहौल आप को मंत्रमुग्ध कर देंगे।
- अन्नपूर्णा सर्किट:–अन्नापूर्णा सर्किट पोखरा में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह है अन्नपूर्णा पर्वत से ही हिमालय श्रृंखलाओ जा ट्रेक किया जाता है जो हिमालय ट्रैक का सबसे मशहूर स्थान है ट्रैकर व पर्वतारोहियों का मुख्य केंद्र भी है। वैसे तो हिमालय का ट्रक करना आसान नहीं है लेकिन पर्वत की ऊँचाई को छुना हर ट्रेकर का सपना होता है इसी अनुभव को पर्यटक यहाँ जीने आते है। पोखरा सिटी की खूबसूरती आप को जिंदगी भर याद रहेगी लेकीन आप यहा फोटोग्राफी करना ना भूलिएगा अन्नपूर्णा सर्किट से आप पूरे शहर व उसके आस-पास के संपूर्ण दृश्यों को अपनी आँखों में भर सकते हैं।
3.लुम्बिनी में घूमने की जगह (Lumbani me Ghumne ki Jagah)
लुम्बिनी:–लुंबिनी नेपाल के रूपनदेही जिले में स्थित एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है यह एक धार्मिक स्थल है जो बौद्ध धर्म के लिए जाना जाता है जो भगवान बुद्ध का जन्म स्थल भी है भगवान बुद्ध का जन्म 623 बीसी में लुंबिनी में हुआ था, जो जल्द ही तीर्थयात्रा के स्थान के रूप में विख्यात हो गया। इसी तीर्थयात्रियों में से भारत के सम्राट अशोक भी थे, जिन्होंने वहां अशोक स्तंभ स्मारक बनाया जो इतिहासकारों इतिहास प्रेमियों और बौद्धों के लिए लुम्बिनी एक महत्वपूर्ण जगह है । यहां पर एक वृक्ष भी है जो बौद्धों के लिए बहुत ही पवित्र है जो लुंबिनी तालाब के बगल में स्थित है लोग प्रार्थना करने के लिए यहां आते हैं। यह जगह बहुत शांतिपूर्ण है और लोग आम तौर पर यहां ध्यान करने के लिए आते है वही मायादेवी तालाब जो माया देवी मंदिर परिसर के अंदर स्थित है यह वह जगह है जहां बुद्ध की मां उसे जन्म देने से पहले स्नान करती थीं। यह भी माना जाता है कि सिद्धार्थ गौतम का पहला स्नान भी यहां हुआ था। लुंबिनी संग्रहालय, मौर्य और कुशान काल की कलाकृतियों को दिखाया जाता है इस संग्रहालय में दुनिया भर के धार्मिक पांडुलिपिया, धातु मूर्तिया और टिकटें हैं। लुंबिनी इंटरनेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट (एलआईआरआई), लुंबिनी संग्रहालय के सामने स्थित है। लुंबिनी अब बौद्ध तीर्थ केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहां भगवान बुद्ध के जन्म से जुड़े पुरातात्विक अवशेष एक केंद्रीय विशेषता बनाते हैं।
- बोधि वृक्ष:– पवित्र माया देवी मंदिर के परिसर में स्थित बोधि वृक्ष दुनिया में बौद्ध धर्म के लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण जगह रखता है यही पे भगवान बुद्ध ने ज्ञान की प्राप्ति की थी जिससे वह क्रोध, भ्रम, भोग, विलास, इत्यादि को त्याग दिया था वास्तव में इस पेड़ के करीब जाकर आपको अहसास होगा कि जीवन में सांसारिक सुख के अलावा और भी बहुत कुछ है।
- अशोक स्तंभ:–आप को बता दे दुनिया में कई अशोक स्तंभ हैं, लेकिन लुम्बिनी में बना अशोक स्तंभ सबसे प्रसिद्ध है जो तीसरी शताब्दी में बनी है यह स्तंभ माया देवी मंदिर के परिसर के अंदर स्थित है। कहते है भगवान बुद्ध को श्रद्धांजलि देने के लिए राजा अशोक ने इस स्तंभ का निर्माण करवाया था इसकी ऊंचाई 6 मीटर है, इसलिए आप इसे दूर से ही देख पाएंगे। अगर आप लुंबिनी गए हैं तो आपको अशोक स्तंभ को जरूर देखना चाहिए।
- माया देवी मंदिर:– यह मंदिर बुद्ध की मां माया देवी को समर्पित है और इसे बौद्धों के लिए सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर ठीक उसी स्थान को दर्शाता है जहां बुद्ध का जन्म हुआ था, और इसमें बुद्ध की मां की एक छवि है जो उन्हें जन्म दे रही थी। मंदिर एक बड़े प्रांगण और कई छोटे मंदिरों से घिरा हुआ है।
4. जनकपुर में घूमने की जगह (Janakpuri me Ghumne ki Jagah)
जनकपुर:– जनकपुर एक प्राचीन शहर मिथिला की राजधानी के नाम से जाना जाता है नेपाल की राजधानी काठमांडू से तकरीबन 400 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां जनक पुत्री माता सीता का 4860 वर्गफुट में फैला विशाल व भव्य मंदिर है, जो हिंदुओं की अटूट आस्था और विश्वास का केंद्र है। मंदिर जनकपुर के बीचों बीच में स्थित है। राजा जनक के नाम पर शहर का नाम जनकपुर रखा गया था भगवान श्रीराम से विवाह से पहले सीता माता ने अधिकतर समय यहीं व्यतीत किया था वैसे तो जानकी मंदिर पड़ोसी देश नेपाल की धरती पर स्थित है, लेकिन वहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं में आधे से अधिक भारतीय होते हैं। भारत से रेलमार्ग से जयनगर (बिहार) होते हुए सड़क के रास्ते जानकी मंदिर पहुंचा जा सकता है
- जानकी मंदिर:– जनकपुर में माता सीता को समर्पित जानकी मंदिर नेपाल का सबसे बड़ा मंदिर है। इसका निर्माण माता सीता के जन्म स्थान पर किया गया है जहां देवी सीता का जन्म हुआ था। यह आकर्षण अब धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण स्मारक और विरासत स्थल माना जाता है लेकिन यह अभी भी भक्तों के लिए एक सक्रिय मंदिर है। जो कोई भी रामायण की पूर्ण कथा को जानना चाहता है उसे जनकपुर जरूर जाना चाहिए।
- राम मंदिर:–राम मंदिर जो भगवान राम को समर्पित है जो जनकपुर के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है, जिसे गोरखा जनरल अमर सिंह थापा ने 1700 के दशक में बनवाया था। मंदिर की वास्तुकला क्षेत्र के अन्य मंदिरों की तरह पारंपरिक पैगोडा-शैली में बनाया गया है। राम नवमी के अवसर पर, जो कि भगवान राम को समर्पित पवित्र और महत्वपूर्ण वार्षिक त्यौहार हैं, इस मंदिर में तीर्थयात्रियों का तांता लगा रहता है। यह भव्य मंदिर प्राचीन संस्कृतियों का स्ममेल है
- जलेश्वर:–इस शहर का नाम वहा के भगवान जलेश्वरनाथ के नाम पर रखा गया है जलेश्वरनाथ महादेव नेपाल में एक छोटी नगर पालिका है, छोटा शहर भारत की सीमा बिहार से सटा हुआ है। श्रावण के महीनों यानी जुलाई और अगस्त के दौरान, दुनिया भर से भक्त भगवान और उनकी पत्नी माता पार्वती को जल चढ़ाने के लिए यहां आते हैं।
- राम सीता विवाह मंडप:–जनकपुर का यह सबसे प्रसिद्ध स्थान जहां राम और सीता का विवाह हुआ था, माता सीता और श्रीराम के विवाह के रूप में इस मंडप को साक्षी माना जाता है जानकी विवाह मंडप में विवाह पंचमी के समय सीता को श्रद्धांजलि देने के लिए हजारों तीर्थयात्री आते हैं। माता सीता और श्रीराम का विवाह शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन या चंद्रमा के बढ़ते चरण में मनाया जाता है जो नवंबर या दिसंबर में पड़ता है राम सीता विवाह मंडप पूर्णतः संगमरमर से बना एक भव्य मंडप है यह मजबूत स्तंभों, सुंदर मेहराबों और आश्चर्यजनक गुंबदों के साथ एक महल के जैसा दिखता है।
- धनुष सागर:–जनकपुर के प्रसिद्ध राम मंदिर के पास स्थित एक पवित्र तालाब है। यह शहर का सबसे बड़ा औपचारिक टैंक भी है। इस तालाब के चारों ओर कई छोटे मंदिरों और पूजा के लिए फूल और अन्य अनुष्ठानिक वस्तुएँ बेचते हुए देख सकते हैं। घाट पर स्नान करना भक्तों द्वारा पवित्र माना जाता है।
5. मनोकामना देवी मंदिर यात्रा( Manokamna Devi Mandir Yatra)
मनोकामना देवी मंदिर:– यह इमारत इतिहास और संस्कृति के लिए बहुत महत्वपूर्ण स्थल है इसके साथ जो कहानी चलती है वह एक रानी के बारे में है जिसके बारे में लोगो का कहना था कि उसके पास दैवीय शक्तियां हैं लेकिन उसकी दुखद तरीके से मृत्यु हो गई। कहा जाता है कि बाद में, एक किसान को वह स्थान मिला जहां रानी की मृत्यु हुई थी बाद में देवी के रूप में सम्मानित किया गया , जिसके बाद मंदिर का निर्माण हुआ। नेपाल के गोरखा जिले में बना एक पवित्र हिंदू स्थल है। यह मंदिर एक पहाड़ी की चोटी पर है और दूर से त्रिशूली नदी की घाटी और सुंदर हिमालय का दृश्य दिखता है। मंदिर का नाम दो शब्दों से बना है: "मन," जिसका अर्थ है "हृदय," और "कामना," जिसका अर्थ है "इच्छा।" यह मंदिर देवी मनोकामना को समर्पित है, जिन्हें देवी भगवती का अवतार माना जाता है पहले इसकी यात्रा बहुत ही कठिन हुआ करता था बाद में केबल कार का निर्माण हुआ तब से यात्रा बहुत ही आसान हो गया जिसे यात्रियों का ताता लगा रहता है
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