भारत में घूमने के लिए बहुत ही खूबसूरत जगह है भारत में ऐसे जगह भी है जहा जाना हर भारती का सपना होता है बर्फीले पहाड़ों से लेकर हरियाली तक खारे पानी वाले समुंदर से लेकर सूखे रेत वाले रेगिस्तान तक बहुत से ऐसे जगह है जहा पे आप को प्राकृतिक का अनेक रूप देखने को मिलता है वैसे भारत में बहुत से टूरिस्ट जगह है भारत भ्रमण कश्मीर से लगाए कन्याकुमारी तक आप को कई ऐसे जगह मिलेंगे जहा पे आप को प्रकृति का सौंदर्य देखने को मिलेगा जैसे लेह के रेतीले पहाड़, पैंगोंग झील, नुब्रा वैली, कारगिल, कश्मीर का बर्फीला पहाड़,डल लेक, गुलमर्ग की बर्फीले पहाड़, पहलगाम की खूबसूरत वादिया, उत्तर प्रदेश का संस्कृतिक धार्मिक स्थल, सिक्किम की खूबसूरती, उत्तराखंड देवभूमि,चारधाम,नैनीताल, हरिद्वार, ऋषिकेश, देहरादून, केरला और वहा के दक्षिणी भारतीय संस्कृति का नजारा भारत में झूमने के कुछ जगह ऐसे भी है जहा आप के मन को मोह लेगा। हम आप को Famous Tourist Places in India के बारे में आप को नीचे दिए लेख में बताएंगे
Famous Tourist Places in India
1:- Leh Laddakh में घूमने का सबसे अच्छा जगह
लेह लद्दाख (Leh laddakh) लेह और लद्दाख भारत के उत्तरी भाग में स्थित एक आकर्षक पर्वतीय प्रदेश है. यह जम्मू और कश्मीर का एक क्षेत्र है और हिमालय के पश्चिमी भाग में स्थित है. और यहां के प्राकृतिक सौंदर्य के लिए विख्यात है. लेह अपनी अनोखी संस्कृतिक धरोहर, बौद्ध मोनास्ट्रीज़, तिब्बती बाज़ार तिब्बती धर्म स्थलों के लिए प्रसिद्ध है. और तिब्बती धर्म के प्रमुख गुरु दलाई लामा का स्थान है लद्दाख के पर्वतीय स्थल और बर्फीले पहाड़ों का दृश्य आकर्षक का केंद्र है लद्दाख में कुछ प्रमुख पर्यटक स्थलों में हेमिस, पंगोंग झील, त्सो मोरिरी झील, लेह शहर, नुब्रा घाटी, कारगिल शामिल है. यहां पर्यटक ट्रेकिंग का आनंद लेते है और यहां आने वाले पर्यटक स्थानीय धरोहर, कला-संस्कृति और धर्म का आनंद लेते हैं. यहां का प्राकृतिक और सांस्कृतिक सौंदर्य और शांति पर्यटक को आकर्षित करता है Famous Tourist Places in India मे यह घूमने का सबसे बढ़िया जगह है।
- पंगोंग झील (Pangong Lake):-भारत के उत्तरी भाग में स्थित एक बड़ी झील है. यह झील लद्दाख के उत्तरी भाग में है और भारत और चीन की सीमा के पास स्थित है. इसका बड़ा हिस्सा चीन के कब्जे में है, जो भारत और चीन के बीच विवादित क्षेत्र का हिस्सा बना हुआ है. पंगोंग झील का तिब्बती नाम “पांगोंग” झील है जिसका मतलब है “विशाल झील”. यह झील अपने नीले पानी और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है पंगोंग झील एक लंबवत तट और पर्वतीय दृश्यों के साथ विशेष रूप से प्रसिद्ध है. यह झील बर्फीले पहाड़ों के बीच में स्थित है. यहां जाने वाले पर्यटक वहा के पर्वतों का मनमोहक दृश्य और खूबसूरत झील का आनंद लेते हैं.
- नुब्रा वैली (Nubra Valley):-लद्दाख में स्थित एक खूबसूरत पर्वतीय घाटी है जो चॉकलेट बॉक्स ऑफ लद्दाख के रूप में प्रसिद्ध है. यह वैली कारगिल और लेह शहर के बीच स्थित है और भारत-चीन सीमा से लगभग 150 किलोमीटर दूर है. नुब्रा वैली अपने प्राकृतिक सौंदर्य, बर्फीले पहाड़ों, बागान और सागरीय जलवायु के लिए प्रसिद्ध है. यह एक बड़ी घाटी है जो श्योक और हिस्पा नदियों के संगम पर स्थित है. यहां विभिन्न बौद्धिक मोनास्ट्रीज़, धार्मिक स्थल और धरोहर देखे जा सकते हैं. यहां जाने वाले पर्यटक स्नो लीप, बैकपैकिंग, ट्रेकिंग, और बाइकिंग जैसे विभिन्न एडवेंचर गतिविधियों का आनंद लेते हैं. नुब्रा वैली गर्मियों में पर्यटकों को बहुत पसंद है.
- कारगिल ( kargil):-भारत में स्थित एक महत्वपूर्ण नगरी है. यह भारत के उत्तरी भाग में स्थित है और लद्दाख के पश्चिमी हिस्से में स्थित है. कारगिल वैली कश्मीर के भाग में आता है और कारगिल का इतिहास भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान बहुत महत्वपूर्ण है. 1999 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय, कारगिल वैली में युद्ध हुआ था और इसलिए यह एक स्मारकीय स्थल भी है. यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारतीय सेना की शौर्य और बलिदान का प्रतीक है. कारगिल वैली अपने प्राकृतिक सौंदर्य, शानदार बर्फीले पहाड़ों और सुंदर नदीयों के लिए भी प्रसिद्ध है. यहां विभिन्न बौद्धिक मोनास्ट्रीज़, धार्मिक स्थल है.
2:– कश्मीर घूमने जा रहे हैं तो ये 10 जगह जरूर देखकर आएं
कश्मीर (Kashmir) कश्मीर का इतिहास बहुत प्राचीन है और इसके विविध विभागों ने इसे एक धरोहरी स्थल बनाया है 14वीं शताब्दी में स्वर्गीय सुल्तान शिकारी ने कश्मीर के साम्राज्य को अपने शासनाकाल में उच्च कला का केंद्र बनाया कश्मीर का इतिहास प्राचीनकाल से ही प्रारंभ होता है, जब वह विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों का केंद्र था कश्मीर का प्राचीन इतिहास उसके स्थानीय आदिवासी जनजातियों और विभिन्न शासनकालों के शासकों द्वारा निर्मित है. कश्मीर का इतिहास प्राचीनकाल से ही प्रारंभ होता है, जब वह विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों का केंद्र था. इसके बाद मौर्य, कुषाण, गुप्त और मुग़ल शासकों का राज्य इस क्षेत्र में स्थापित हुआ. कश्मीर के इतिहास में मुग़ल सम्राट अकबर का नाम भी उल्लेखनीय है, जिन्होंने इस क्षेत्र को अपना किया और इसे अपनी सांस्कृतिक और शैलीकी परिचय दिया. 12वीं शताब्दी में शाहमीर राज्य ने कश्मीर का शासन स्थापित किया, जिसके बाद यहां मुस्लिम शासकों की शासन प्रणाली आरंभ हुई उसके बाद 19वीं शताब्दी में कश्मीर ब्रिटिश शासन के अधीन आ गया, और स्वतंत्रता संग्राम के बाद 1947 में भारत में सम्मिलित हुआ. कश्मीर का इतिहास अपनी प्राचीनता, संस्कृति और राजनीतिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण धरोहर है
सिक्किम (sikkim) सिक्किम को प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है। वही अक्टूबर से मार्च के बीच सिक्किम घूमने के लिए बेहतर समय होता है। इन महीनों में यहां का मौसम शुष्क और सुहावना होता है और यहाँ के पहाड़ों के दर्शन का आनंद लिया जा सकता है। अगर आप एक प्रकृति प्रेमी हैं और सुंदर वादिया देखना आप को पसंद है तो यह राज्य आपके घूमने के लिए एक बहुत ही अच्छी जगह है। यदि आप सिक्किम घूमने का प्लान कर रहे है और सिक्किम के बेस्ट टूरिस्ट प्लेसेस के बारे में जानना चाहते है तो हमारे इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़े जिसमे हम आपको सिक्किम में घूमने की जगहें के बारे में बताने वाले है –
- श्रीनगर:– श्रीनगर में डल झील पर शिकारा राइड का आनंद लें सकते है और झील के किनारे बने मुगल गार्डन, जैसे निशात बाग और शालीमार बाग में घूमने का आनंद भी उठा सकते है हजरतबल मस्जिद और जामा मस्जिद की शानदार वास्तुकला भी देखें. श्रीनगर के पुराने शहर में घूमें और स्थानीय व्यंजनों का आनंद उठाए।
- गुलमर्ग:–दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची रोपवे पर बैठ कर वहा के ऊंचे ऊंचे बर्फीले पर्वतों और खूबसूरत वादियों का मजा ले सकते है. सर्दियों में स्कीइंग और स्नोबोर्डिंग कर सकते है और गंडोला राइड का आनंद लें सकते है वही गुलमर्ग की मनमोहक वादियों का खूबसूरत नजारा अपने दिल में समेट सकते है।
- पहलगाम:– पहलगाम घाटी की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद आपको तरोताजा कर देगा. बेताब घाटी, चंदनवाड़ी, और अरु घाटी में ट्रेकिंग का रोमांच अनुभव करें. पहलगाम में घुड़सवारी और नदी राफ्टिंग का आनंद लें सकते है और यही से बाबा अमरनाथ का ट्रेक भी किया जाता है यही से तीन दिन का ट्रेक कर के बाबा अमरनाथ के गुफा तक पहुंच सकते है
- सोनमर्ग:–सोनमर्ग घाटी में घुड़सवारी का आनंद लें और थजीवास ग्लेशियर की यात्रा करें. विष्णु पादरी में भगवान विष्णु के पैरों के निशान देखें. सोनमर्ग की शांत और सुंदर झीलों में नौका विहार का आनंद लें और मनमोहक पहाड़ों का आनंद ले।
- यूसमर्ग:–यूसमर्ग घाटी की हरी-भरी वादियों में घूमें और चंडनवाड़ी में ट्रेकिंग का आनंद लें. त्सो-मोरिरी झील की शांत और मनमोहक सुंदरता का आनंद लें. यूसमर्ग में घुड़सवारी और पिकनिक का आनंद लें.
- अनंतनाग:–अनंतनाग मंदिर की शानदार वास्तुकला देखें. पहलगाम और सोनमर्ग घाटियों की यात्रा करें. अरु घाटी में ट्रेकिंग का रोमांच अनुभव करें.
- बारामूला:– वुलर झील, कश्मीर की सबसे बड़ी झील, में नौका विहार का आनंद लें. मुगल गार्डन में घूमें और उनकी सुंदरता का आनंद लें. बारामूला में ट्रेकिंग और पर्वतारोहण का रोमांच अनुभव करें.
- बडगाम:–श्रीनगर, पहलगाम, और सोनमर्ग घाटियों की यात्रा करें. बडगाम में स्थानीय संस्कृति और परंपराओं का अनुभव करें. बडगाम के स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लें सकते है।
- पुंछ:–पुंछ किले की ऐतिहासिक वास्तुकला देखें और पीर पंजाल रेंज में ट्रेकिंग का रोमांच अनुभव करते हुए झेलम नदी में नौका विहार का आनंद लें
3:– सिक्किम (sikkim) में घूमने का सबसे अच्छे जगह
- लाचेन:– इसकी प्राकृतिक सुंदरता और शांत वनस्पति सराहनीय है और यह बौद्ध तीर्थयात्रियों के लिए सबसे उल्लेखनीय और लोकप्रिय स्थानों में से एक है लोचन एक कम आबादी वाला छोटा सा गांव है जहा पे आप एक खुशनुमा छुट्टीया मना सकते है और इसे गुरुढोंगमार झील का प्रवेश द्वार के रूप में जाना जाता है
- गंगटोक:– सिक्किम की राजधानी है। यहाँ पर घूमने के लिए कंचनजंघा नेशनल पार्क, गंगटोक महाकाली मंदिर, एनची गोंपा, और बहुत से अच्छे खाने के स्थल हैं। गंगटोक से आप हिमालय के प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं।
- नाथुला पास:–अगर हम बात करे सिक्किम के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल भारत-चीन सीमा की जिसको देखने के लिए आपको एक परमिट की जरूरत होती है। बता दे नाथुला, हिमालय की चोटियों में एक पहाड़ी दर्रा है जो सिक्किम को चीन से जोड़ता है। समुद्र तल से 14450 फीट ऊपर भारत-तिब्बत सीमा पर स्थित नाथू ला दुनिया की सबसे ऊंची सड़कों में से एक है। नाथुला भारत और चीन के बीच तीन खुली व्यापारिक सीमा चौकियों में से एक है और अपनी सुंदरता और सुंदर वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। यहां का तापमान भारत के अधिकांश हिस्सों से कम रहता है, और यह गर्मियों के दौरान पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन जाता है। लेकिन यहाँ सिर्फ भारतीय पर्यटकों को जाने की अनुमति होती है और विदेशियों को यहां जाने की अनुमति नहीं है। यह सीमा एक ऐसी जगह है जहाँ पर जाने के बाद आप भारतीय सैनिको के साथ चीन के सैनिक और उनके गुजरने वाले ट्रकों को भी देख सकते हैं।
- युमथांग वैली:– सिक्किम में गंगटोक से लगभग 140 किमी उत्तर में स्थित युमथांग घाटी सिक्किम में घूमने की जगहें में बेहद ही खूबसूरत जगह है. जिसे “फूलों की घाटी” में रूप में भी जाना जाता है। 3564 मीटर की ऊँचाई पर स्थित यह आश्चर्यजनक घाटी प्रकृति प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग है क्योंकि इसमें शिंगबा रोडोडेंड्रोन अभयारण्य है जिसमें फरवरी से मध्य जून तक खिलने वाली रोडोडेंड्रॉन फूलों (राज्य फूल) की 24 से अधिक प्रजातियाँ देखी जा सकती हैं। युमथांग घाटी में कुछ गर्म झरने याक और हरे-भरे घास के मैदान भी स्थित हैं, जो यहाँ आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए है। यदि आप अपने फ्रेंड्स या फैमली के साथ घूमने के लिए सिक्किम के फेमस टूरिस्ट प्लेसेस सर्च कर रहे है तो युमथांग वैली भी आपके लिए परफेक्ट ऑप्शन है।
- जुलुक :– समुद्र तल से 10000 फीट की ऊँचाई पर स्थित, ज़ुलुक (जिसे दुलुक या झुलुक या जूलुक भी कहा जाता है) सिक्किम में पूर्वी हिमालय की गोद में बसी बेहद खूबसूरत जगह है जिसकी गिनती सिक्किम के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल में की जाती है। बर्फ से ढके पहाड़, गहरे घाटियां, घने जंगल और चमचमाती धाराओं के मनोरम दृश्य इसे सिक्किम में घूमने के लिए पर्यटकों के बीच बेहद खास पर्यटक स्थल बनाते है। जूलुक के मंत्रमुग्ध करने वाले स्थानों और अति सुंदर परिदृश्य का बेहतर अनुभव करने के लिए, व्यावसायिक होटलों के बजाय स्थानीय लोगों द्वारा दी जाने वाली होमस्टे में रहना उचित है। जुलुक में पर्यटक पगडंडियों पर घुटे हुए सेना के जवानों, जीपों और टेंटों को भी देख सकते हैं। कुल मिलाकर, ज़ूलुक का दौरा निश्चित रूप से आपके लिए एक जीवन भर का अनुभव होने वाला है जो दिल और दिमाग को तरो ताजा कर देगा।
4:–उत्तर प्रदेश में घूमने का सबसे अच्छा जगह
उत्तर प्रदेश (Uttar pradesh)भारत के उत्तर में जब भी प्रमुख राज्यों की बात होती है, तो इसमें उत्तर प्रदेश का नाम भी प्रमुखता से लिया जाता है। सांस्कृतिक विरासत, धार्मिक, राजनीतिक, भौगोलिक और समृद्ध इतिहास से भरपूर भारत का यह राज्य अपनी अनूठी परंपराओं के लिए जाना जाता है। यही वजह है कि यहां हर साल देशी-विदेशी सेलानियों की भीड़ यहां जमा रहती है, जो कि यहां के अलग-अलग शहरों में पहुंच करीब से इस राज्य को जानने की कोशिश करते हैं। अपने यहां मौजूद ताजमहल और आगरा के किले के बारे में जरूर सुना और पढ़ा होगा। हालांकि, क्या आप उत्तर प्रदेश के प्रमुख सभी पर्यटन स्थलों के बारे में जानते हैं। तो चलिए हम आप को बताते है।- मथुरा(mathura):–मथुरा दिल्ली से लगभग 150 किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित मथुरा को भगवान कृष्ण के जन्मस्थान के रूप में जाना जाता है। मथुरा युमना नदी के किनारे बसा भारत का एक प्रमुख प्राचीन शहर है, जिसका वर्णन प्राचीन हिंदू महाकाव्य रामायण में भी मिलता है। इसके साथ ही इस पवित्र जगह के अपने कई ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व भी हैं। मथुरा भारत में पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के सबसे पसंदिदा धार्मिक स्थलों में से एक है जहां पर कई धार्मिक मंदिर और तीर्थस्थल भी हैं। मथुरा भारत में सबसे पुराने शहरों में से एक है जो अपनी प्राचीन संस्कृति और परंपरा के चलते पर्यटकों के लिये आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
- कृष्ण जन्म भूमि मंदिर(krishna janambhumi):–कृष्ण जन्म भूमि को हिंदू देवता भगवान कृष्ण के जन्मस्थान के रूप में जाना जाता है। भगवान कृष्ण विष्णु के 8 वें अवतार थे, जो मथुरा में एक जेल की कालकोठरी में पैदा हुए थे। अब उस जेल की कोठरी वाले स्थान पर एक मंदिर है, जहाँ पर हर साल लाखों पर्यटक और श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। कृष्ण जन्म भूमि मंदिर मथुरा के सबसे प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक हैं यहाँ पर हर साल जन्माष्टमी और होली के त्योहार के समय भारी संख्या में तीर्थयात्री आते हैं।
- कंस किला(kansh kila):– मथुरा में स्थित एक बहुत प्राचीन किला है, जो भगवान कृष्ण के मामा कंस को समर्पित है। यह किला मथुरा का एक बहुत ही लोकप्रिय पर्यटक स्थल है इस किले का निर्माण अकबर के नवरत्नों में से एक राजा मानसिंह प्रथम ने करवाया था। यमुना नदी के किनारे स्थित यह किला एक अद्वितीय हिंदू और मुगल शैली की वास्तुकला का अनूठा नमूना है। बता दें कि किला लापरवाही की वजह आज जीर्ण-शीर्ण हो चुका है लेकिन आज भी यह किला मथुरा आने वाले पर्यटकों को रोमांचित करता है।
- बरसाना(Barshana):–बरसाना उत्तर प्रदेश राज्य के मथुरा जिले में एक ऐतिहासिक शहर और एक नगर पंचायत है। बरसाना माता राधा का जन्म स्थान है, यह ब्रज भूमि का क्षेत्र है बरसाना में श्री राधा रानी मंदिर स्थित है जिसे देखने लाखों भक्त यहां आते हैं।
- मथुरा के घाट(mathura ke ghat):–उत्तर प्रदेश राज्य में मथुरा एक ऐसी जगह है जहां पुराने समय में कई घाट हुआ करते थे लेकिन वर्तमान में यमुना नदी के तट पर स्थित मथुरा में आज कुल 25 घाट स्थित है। इन घाटों का संबंध भगवान कृष्ण के समय से बताया जाता है। ऐसा माना जाता है कि यहां स्नान करने से भक्तों के पुराने पाप धुल जाते हैं मथुरा आने वाले तीर्थयात्री यहां के घाट पर पवित्र नदी यमुना में स्नान करना अपना सौभाग्य मानते हैं।
- मथुरा संग्रहालय(mathura sangrahalay):–मथुरा शहर में सबसे ज्यादा देखी जाने वाली जगहों में से एक हैं। इस संग्रहालय का निर्माण वर्ष 1874 में किया गया जो अपनी अनूठी वास्तुकला और महत्वपूर्ण कलाकृतियों के लिए जाना जाता है जिसकी वजह से यह भारत सरकार द्वारा जारी किए गए डाक टिकटों पर भी दिखाई दिया है। इस संग्रहालय में कुषाण और गुप्त साम्राज्य के प्राचीन पुरातत्व निष्कर्ष हैं।
वाराणसी में घूमने का अच्छा जगह
वाराणसी उत्तर प्रदेश के बनारस में घूमने का सबसे बड़ा केंद्र काशी विश्वनाथ धाम बन चुका है जब से कॉरीडोर का निर्माण हुआ है तब से काशी विश्वनाथ धाम की खूबसूरती में चार चांद लग गया है धाम के निर्माण के बाद इसकी खूबसूरती को निहारने के लिए देश से लगाए विदेश तक के लोग आ रहे है बनारस के गलियों से लगाए गंगा के घाट भी टूरिस्ट को पसंद आते है. यहां टूरिस्ट को ऐतिहासिक और धार्मिक संगम देखने को मिलता है वही घाटों की खुंबसूरती सबको अपने तरफ आकर्षित करता है।- बीएचयू का विश्वनाथ मंदिर (BHU Vishwanath mandir):– वाराणसी में घाटों के अलावा बीएचयू का विश्वनाथ मंदिर भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है. लोग इसकी खूबसूरती को बस निहारते ही रह जाते हैं.दिन की अपेक्षा रात के अंधेरे में इसकी खूबसूरती और बढ़ जाती है।
- रामनगर का किला(Ramnagar kila) :–बनारस में रामनगर का किला भी पर्यटकों का आकर्षण का केंद्र है. जबकि गंगा इस किले की खूबसूरती को चार चांद लगाती है. इसके अलावा यहां राजघराने से जुड़े कई पुराने और ऐतिहासिक चीजों के म्यूजियम भी हैं.
अयोध्या में घूमने की जगह
अयोध्या राम की जन्मभूमि होने के कारण व भारतीय इतिहास के ऐतिहासिक स्थान होने के नाते, कई धार्मिक और ऐतिहासिक स्थान अयोध्या में हैं। जिनमे कुछ नीचे दिए गए है- नागेश्वर नाथ मंदिर:–शिव भगवन को समर्पित यह मंदिर राम की पैड़ी में स्थित है. ऐसी मान्यता है कि इसका निर्माण श्री राम के छोटे पुत्र कुश ने करवाया था. कहा जाता है कि एक बार सरयू में स्नान करते समय कुश ने अपना बाजूबंद खो दिया था जो एक नाग कन्या द्वारा वापस किया गया. नाग कन्या कुश पर मोहित हो गयी थी चूँकि वह शिवभक्त थी कुश ने इस मंदिर का निर्माण उस नाग कन्या के लिए करवाया था. यह मंदिर राजा विक्रमादित्य के शासन काल तक अच्छी स्थित में था| 1750 में इसका मरम्मत और सुंदरीकरण वहा के नवाब के मंत्री नवल राय द्वारा कराया गया. शिवरात्रि का पर्व इस मंदिर में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है.यहाँ शिव बारात का भी बड़ा महत्व है शिवरात्रि के पर्व में यहाँ लाखों की संख्या में दर्शनार्थी एवं श्रद्धालु उपस्थित होते है।
- राम की पैड़ी(Ram ki paidi):–राम की पैड़ी सरयू नदी के किनारे स्थित घाटों की एक श्रंखला है पूर्णिमा के दिन इस स्थान की सुन्दरता देखते बनती है श्रधालुओं में ऐसी मान्यता है कि यहाँ स्नान करने से पाप धुल जाते हैं।
- कनक भवन(Kanak Bhawan):–राम जन्म भूमि के उत्तरपूर्व में स्थित यह मंदिर अपनी कलाकृति के लिए प्रसिद्ध है ऐसी मान्यता है की माता कैकेयी ने प्रभु श्री राम और देवी सीता को यह भवन उपहार स्वरुप दिया था तथा यह उनका व्यक्तिगत महल था पहले राजा विक्रमादित्य एवं बाद में भानु कुंवारी ने इसका पुनर्निर्माण और सुंदरीकरण कराया था मुख्य गर्भगृह में श्री राम और माता सीता की प्रतिमा स्थापित है।
- हनुमान गड़ी(Hanuman gadi):–पवनपुत्र हनुमान को समर्पित यह मंदिर अयोध्या रेलवे स्टेशन से 1 किमी दूरी पर स्थित है, इस मंदिर का निर्माण राजा विक्रमादित्य ने करवाया था जो आज हनुमान गड़ी के नाम से प्रसिद्ध है ऐसी मान्यता है की पवनपुत्र हनुमान यहाँ रहते हुए कोतवाल के रूप में अयोध्या की रक्षा करते हैं मंदिर के प्रांगन में माता अंजनी के गोद में बैठे बाल हनुमान को दर्शाया गया है|
- देवकाली(Devkaali):– इस मंदिर का विवरण रामायण महाकाव्य के विविध प्रसंगों में पाया जाता है ऐसी मान्यता है की माता सीता अपने साथ माता पार्वती देवी की एक सुन्दर मूर्ति लेकर अयोध्या आई थी. जिसे महाराज दशरथ ने एक भव्य मंदिर का निर्माण कराकर उसमे उसी प्रतिमा की स्थापना करायी थी, माता सीता देवी की प्रतिदिन पूजा अर्चना करती थी.आज भी माता देवकाली की भव्य प्रतिमा यहाँ स्थित है।
5:– केरला में झूमने का सबसे अच्छा जगह
केरल भारत की दक्षिण-पश्चिमी सीमा पर अरब सागर और सह्याद्रि पर्वत श्रृंखलाओं के मध्य स्थित केरल भारत का सबसे प्राचीन और ऐतिहासिक स्थलों वाला राज्य है। इसकी राजधानी तिरुवनन्तपुरम (त्रिवेन्द्रम) है। यहां की भाषा मलयालम है। पुदुच्चेरी (पांडिचेरि) और लक्षद्वीप का केरल से अटूट रिश्ता है।
- अल्लेप्पी:–यह केरल के टॉप पर्यटन स्थल में से एक है। पूर्व का वैनिस कहा जाने वाला ये स्थान केरल की सबसे आकर्षक जगह है। इसकी असीम सुंदरता, बैकवॉटर यात्रा हर साल यात्रियों को भारी मात्रा में आकर्षित करती है। नारियल के पेडो़ से होकर गुज़रती नौकाऐं आपको आनंद प्रदान करेंगी। यहाँ का सादगी से भरा जीवन आपको अपना बनाने की कोशिश करेगा। हाउस बोट में रहना आपको एक नया अनुभव देगा। आप यहाँ आकर केरल के पारंपरिक भोजन का स्वाद भी चख सकते हैं। यहाँ की बोट रेस भी यात्रियों के बीच बेहद लोकप्रिय है।
- मुन्नार(munnar): –आपको इस केरल के पर्यटन स्थल अवश्य जाना चाहिए। मुन्नार दर्शनीय स्थल केरल का पहाड़ी इलाक़ा है। बादलों को स्पर्श करते ऊँचे-ऊँचे पहाड़ आपको ऐसा एहसास कराऐंगे कि, आपके हाथ उठाते ही आप बादलों को अपनी मुट्ठी में समेट लेंगे। शादीशुदा जोड़ों के लिए ये बेहद खूबसूरत जगह माना जाता है। आरामदायक और लुभावने रैज़ॉर्ट आपकी यात्रा को बेहद सुगम बनाऐंगे। ये पहाड़ का डिज़ाइन मुख्यतः चाय के उत्पादन के लिए किया गया है। चाय की सौंधी खुशबू आप कभी भी भूल नही पाएंगे।
- वायनाड(vainaad):–केरल के पर्यटन स्थल में शामिल ये स्थान केरल की सबसे ज़्यादा हरियाली युक्त जगह है। प्रकृति और मानव-निर्मित साधनों का ये बहुत उम्दा मिश्रण है। यहाँ की खास बात है केरल की सरल व साधारण संस्कृति और रीति-रिवाज़ जो आपको ग्रहण करने में ज़रा भी कठिनाई नहीं होगी। मलयालम में वायनाड का अर्थ होता है- धान के खेतों की भूमि। आप इस प्रदूषणरहित वातावरण में चैन की साँस ले सकेंगे वरना आज के समय में तो हर जगह प्रदूषण ग्रस्त है। यह सबसे मशहूर केरल के दर्शनीय स्थल में से एक है।
- श्री पद्मनाभास्वामी मंदिर(shri padhnamswami mandir): –केरल के धार्मिक स्थल में यह मंदिर अपनी अलग पकड़ बनाए बैठा है। भगवान विष्णु के इस मंदिर को बड़ी ही कलाकारी से बनाया गया है। जीवित हो उठने वाली मूर्तियां व उत्तम श्रेणी की वास्तुकला मंदिर के हर एक कोने को जागृत कर देती है। यह देश का सबसे प्राचीन विष्णु मंदिर है। यहाँ सबसे ज़्यादा भक्त नवंबर,दिसंबर,मार्च व अप्रैल के अंतर्गत कुछ विशेष त्योहारों पर आते हैं। धार्मिक होने के बहाने ही आप इस लुभा देने वाली जगह आ सकते हैं। यह सबसे मशहूर केरल के दर्शनीय स्थल में से एक है।
- कोच्चि(kochhi): – अरब सागर की रानी:–कोच्चि दर्शनीय स्थल को “अरब सागर की रानी” भी कहा जाता है। यह केरल का वित्तिय,व्यावसायिक व औद्योगिक केंद्र है। इस शहर में कुछ आर्ट गैलरी है जो, आपको कला के प्रति प्रोत्साहित करेंगी। देर रात तक आनंद प्राप्ति के लिए पब और जी तोड़ खरीदारी के लिए शॉपिंग मॉल आपको यहाँ आसानी से मिल जाएंगे। आपकी यात्रा बेहद रंगीन हो जाएगी।सुंदर प्राकृतिक नज़ारों के लिए आप बीच का रुख भी कर सकते हैं।अपनी मन की शांति के लिए मंदिरों की शरण भी ली जा सकती है।
- थ्रिस्सुर (thrissur):– शास्त्रीय कला व संस्कृति का केंद्र:–केरल के दर्शनीय स्थल का गमन करने आए और थ्रिस्सुर ना घूमे तो आपकी यात्रा अधूरी ही मानी जाएगी। अगर आप केरल की शास्त्रीय कला और संस्कृति को अपने ज़हन तक उतारना चाहते है तो, ये स्थान आपके ही इंतज़ार में बैठा है। स्थानीय भाषा में मंत्रों का उच्चारण आपको केरल की संस्कृति से जोड़ेगा। कुछ अन्य जगह जिनका आप यहाँ आकर विचरण कर सकते हैं वह है- वदक्कुम्नंथन क्षेत्रम् मंदिर, शक्थन थंपुरम का मकबरा, अथिरापल्ली फॉल आदि।
- कुमारकोम(kumarkom):– सबसे शांत स्थानों में से एक:–कुमारकोम केरल के सर्वश्रेष्ठ दर्शनीय स्थलों की सूची में एक विशेष स्थान रखता है। आकर्षक जलमार्ग, सजी हुई झीलें, सुगंधित नारियल के खांचे, ताजा धान के खेत, घने मैंग्रोव जंगल, रमणीय प्रामाणिक भोजन और हवा की प्रदूषणरहित ताजगी इस सूची में शामिल हो जाती है। इसके अलावा, कुमारकोम का हाउसबोट स्टे अल्लेप्पी की तुलना में बहुत अधिक एकांत और गोपनीयता प्रदान करता है। यहां तक कि कुमारकोम के रिसॉर्ट्स भी असाधारण रूप से शांत और मंत्रमुग्ध कर देने वाले हैं।
- कन्नूर( kannur):– द पिक्चर परफेक्ट कोस्टल टाउन:–कन्नूर, जिसे पहले कन्नानोर के नाम से जाना जाता था। यह केरल में 1 दिन के लिए सबसे अच्छे पर्यटन स्थलों में से एक है, जो बुनाई उद्योगों के लिए लोकप्रिय है। इस खूबसूरत औपनिवेशिक शहर के आकर्षण को महसूस करें, जो केरल के उत्तर पूर्वी तट पर स्थित है, इस स्थान के समुद्र तट शानदार काजू के बागानों, प्राचीन मंदिरों, शानदार स्मारकों और ब्रिटिश और डच शैली की इमारतों से घिरे हैं।
- इडुक्की (idukki):– केरल का सच्चा रत्न:–यदि विश्राम और ताजगी आपकी प्राथमिकता है तो केरल में सबसे अच्छे छुट्टियाँ बिताने के स्थानों में से एक, इडुक्की एक आदर्श स्थान है। हरी-भरी पहाड़ियों और आलीशान जंगलों के बीच स्थित, इडुक्की पर्यटन स्थल अपनी आश्चर्यजनक प्राकृतिक आभा और आकर्षणों से उत्साही यात्रियों, प्रकृति प्रेमियों और फोटोग्राफी के शौकीनों को आकर्षित करता है। सुगंधित चाय और मसाले के बागानों से घिरा, इडुक्की निस्संदेह केरल के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है जो ट्रेक, प्रकृति की सैर और पक्षियों को देखने के लिए उपयुक्त है।
- कुट्टनाड(kuttnad):– केरल का चावल का कटोरा:–अलाप्पुझा क्षेत्र में स्थित, कुट्टनाड आकर्षक गांवों, बैकवाटर, नदियों और कृषि भूमि के साथ ग्रामीण परिदृश्य को देखने और अनुभव करने के लिए केरल के सबसे खूबसूरत स्थानों में से एक है। इसके अलावा, नहरों और अंतर्देशीय जलमार्गों से घिरी कृषि भूमि के साथ केरल की विश्व स्तर पर प्रसिद्ध पारंपरिक विरासत कृषि प्रणाली को देखने के लिए कुट्टनाड एक आदर्श स्थान है।
6:– उत्तराखण्ड में घूमने का सबसे खूबसूरत जगह
उत्तराखंड जिसे पहले उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था’ उत्तर भारत का एक राज्य, जिसे देवताओं की भूमि यानि देवभूमि के रूप में जाना जाता है। यह एक पहाड़ी राज्य है जो उत्तर में चीन और पूर्व में नेपाल के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करता है। यह विशाल हिमालयी क्षेत्र प्रकृति की सुंदरता और देवताओं के प्रति समर्पण को प्रदर्शित करता है। इसके दो मुख्य क्षेत्र है गढ़वाल और कुमाऊं ,जिनमें पहाड़ों, घाटियों, नदियों, झीलों, ग्लेशियरों और कई पवित्र मंदिरों का आकर्षण है। दुनिया भर से पर्यटक स्कीइंग,वन्यजीव,अभयारण्यों, रिवर राफ्टिंग, ध्यान और चार धाम यात्रा के लिए उत्तराखंड आते हैं।
- देहरादून(Dehradoon):– देहरादूनऔर उसके आस पास कई ऐसे जगह है जहा झूमने के लिए जक सकते है जिनमे नियमित रूप से पर्यटकों द्वारा देखा जाता है उद्यान से लेकर झरने,धार्मिक स्थल तक है देहरादून में सब कुछ है टपकेश्वर महादेव मंदिर,सहस्त्रधारा, मालसी डीयर पार्क ,देहरादून और उसके आस पास कुछ देखने लायक प्रमुख स्थल है मसूरी के खूबसूरत हिल स्टेशन देहरादून से 30 किलोमीटर दूर है
- मसूरी( massuri):–पहाड़ियों की रानी' - मसूरी एक अनोखा छोटा हिल स्टेशन है जो हर किसी के लिए कुछ न कुछ प्रदान करता है। इसलिए, यदि आप एक आरामदायक विश्राम की तलाश में हैं, तो मसूरी में घूमने की रोमांचक जगहें निश्चित रूप से आपको मंत्रमुग्ध कर देंगी। चाहे वह मसूरी झील पर नौकायन करना हो या गन हिल पॉइंट तक ट्रैकिंग करना हो, यह हिल स्टेशन भीषण गर्मी से बचने के इच्छुक यात्रियों के लिए आदर्श है।
- नैनीताल(Nainital):–उत्तराखण्ड राज्य के कुमाऊँ क्षेत्र का मुख्य पर्यटन स्थल नैनीताल को झीलों का शहर कहा जाता है। कल्पना कीजिए एक ऐसी जगह की जो पहाड़ों पर स्थित हो और हर तरफ से झीलों से घिरी हो। बर्फ से ढके पहाड़ जो आपको प्राकृतिक सौंदर्य में सराबोर कर देंगे। नैनीताल दर्शनीय स्थल आपको एक ऐसे माहौल के दर्शन कराऐंगे जो आपको मंत्र मुग्ध कर देंगे, जैसे आप एक अनोखे स्थान के निवासी हों। इतना खूबसूरत नज़ारा शायद ही आपको कहीं देखने को मिले।
- रानीखेत(Ranikhet):–रानीखेत उन लोगों के लिए आदर्श है जो शहर की भागदौड़ से बचना चाहते हैं। यह आकर्षक छोटा शहर उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में स्थित है, जो खूबसूरत पहाड़ों और घाटियों से घिरा हुआ है। रानीखेत में बहुत सारे पर्यटन स्थल हैं, जैसे गोलूचो झील और चौबटिया गार्डन। रानीखेत में ऐसी जगहें हैं जो इतनी खूबसूरत और मनमोहक हैं कि एक बार उन्हें देखने के बाद आप उन्हें फिर से देखने को मजबूर हो जाते हैं।
- ऋषिकेश(Rishikesh):–विश्व की योग राजधानी' के रूप में प्रसिद्ध, ऋषिकेश ने अपनी प्रसिद्धि तब अर्जित की जब लोकप्रिय अंग्रेजी रॉक बैंड बीटल्स ने 60 के दशक में इस स्थान का दौरा किया। आध्यात्मिकता की तलाश में प्रसिद्ध बैंड ने अपना समय महर्षि महेश योगी के आश्रम और गंगा नदी के घाटों सहित ऋषिकेश में घूमने के अन्य लोकप्रिय स्थानों पर बिताया।
- हरिद्वार(Haridwar):–हरिद्वार का अर्थ है “भगवान या देवता का वास”। जहाँ आप आकर साक्षात देवताओं के दर्शन कर पाऐंगे। हरिद्वार नाम सुनते ही मन में एक छवि उभरती है जहाँ मंदिर की घंटियों की गूँज व पुजारियों के मंत्र उच्चारण, स्थल को और भी अधिक आध्यात्मिकता में डुबो देते हैं। हर छोटी दुकानों पर बजते “जय गंगे” के भजन रोम-रोम को पुलकित कर देते हैं। भग्वा वस्त्रों में पुजारियों की छवि वातावरण को और धार्मिक कर देती है। हरिद्वार के दर्शनीय स्थल आपको प्रभु की शरणों में ले जाऐंगे जहाँ आपको असीम शांति का अनुभव होगा क्योंकि प्रभु की लीला है ही अपरंपार। भगवान की कृपा-दृष्टि अपने पर भरपूर बरसने दीजिए और हो जाइए अराधना में लिप्त ताकि सांसारिक मोह-माया से आप कुछ पल का विराम पा सकें।
- अल्मोड़ा(Almoda):–देवभूमि के नाम से मशहूर उत्तराखंड को देश की टॉप ट्रैवल डेस्टिनेशन्स में गिना जाता है. वहीं उत्तराखंड में घूमने के लिए कई शानदार जगहें मौजूद हैं. क्या आप उत्तराखंड की छोटी सी जगह अल्मोड़ा की खूबसूरती से वाकिफ हैं. जी हां, अगर आप गर्मियों में उत्तराखंड जाने का प्लान बना रहे हैं, तो अल्मोड़ा की कुछ जगहों को एक्सप्लोर किए बिना आपकी ट्रिप अधूरी रह सकती है।
- औली(Auli):–औली उत्तराखंड का एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है जो दुनिया भर में स्कीइंग के लिए प्रसिद्ध है। यह प्राकृतिक स्थल समुद्र तल से 2800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। सेब के बाग, पुराने ओक और देवदार के पेड़ों के साथ औली एक लोकप्रिय पहाड़ी शहर है जहां हिमालय की सीमा के बीच स्थित कई स्की रिसॉर्ट हैं। औली ढलानों और स्वच्छ वातावरण के कारण भारत में एक लोकप्रिय स्कीइंग डेस्टीनेशन भी है। स्कीइंग के अलावा आप गढ़वाल हिमालय की पहाड़ियों में कई ट्रेक के लिए जा सकते हैं और बर्फ से ढके पहाड़ों के मंत्रमुग्ध दृश्यों का आनंद ले सकते हैं।
- वैली ऑफ फ्लावर(vailley of flower):–जैसा कि नाम से पता चलता है, फूलों की घाटी एक ऐसा गंतव्य है जहां प्रकृति एक लुभावनी अनुभव प्रदान करते हुए पूरी महिमा के साथ खिलती है। ऑर्किड, पॉपी, प्रिमुलस, गेंदा, डेज़ी और एनीमोन जैसे विदेशी फूल (600 से अधिक प्रजातियाँ) एक आकर्षक दृश्य हैं। उप-अल्पाइन वन बर्च और रोडोडेंड्रोन पार्क के क्षेत्र के कुछ हिस्सों को कवर करते हैं। घाटी की यात्रा में झरने और जंगली झरनों जैसे आकर्षक दृश्य दिखाई देते हैं। समुद्र तल से लगभग 3,600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, यह घाटी ग्रे लंगूर, उड़ने वाली गिलहरी, हिमालयी नेवला और काले भालू, लाल लोमड़ी, नींबू तितली जैसी दुर्लभ और अद्भुत वन्यजीव प्रजातियों का भी घर है। हिम तेंदुआ और हिमालयी मोनाल, इनमें से कुछ नाम हैं।
- हेमकुंड साहिब(Hemkund sahib):–जिला चमोली के हिमालय पर्वतमाला में समुद्र तल से 15,000 फुट से ऊपर की ऊंचाई पर स्थित श्री हेमकुंट साहिब सिख तीर्थयात्रा के एक लोकप्रिय केंद्र के रूप में उभरी है, जहाँ हर साल गर्मियों में हजारों भक्तों घूमने आते है। हेमकुंड में अक्टूबर से अप्रैल तक बर्फ की वजह से जाना अत्यधिक दुर्गम है। हेमकुंड के लिए टेक-ऑफ प्वाइंट ऋषिकेश से 275 किलोमीटर दूर गोविंदघाट का शहर है। यहाँ से 13 किलोमीटर की दूरी पर घंगारिया गाँव तक काफी हद तक अच्छी तरह से बनाया गया पथ है। वहां एक और गुरुद्वारा है जहां तीर्थयात्री रात बिता सकते हैं। इसके अलावा वहाँ कुछ होटल तंबू और गद्दे के साथ एक कैम्प का ग्राउंड हैं यहाँ से 6 किलोमीटर की पत्थर के रास्ते पर एक 1,100 मीटर (3,600 फीट) की चढ़ाई हेमकुंड की ओर बढ़ती है हेमकुंड में रात्री विश्राम की कोई व्यवस्था नही है इसलिए यह जरूरी है की दोपहर को 2 बजे तक निकल कर रात को गोविंदघाट वापस आया जा सके
- बद्रीनाथ(badrinath):–बद्रीनाथ धाम की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। ऐसे में कई लोग इन खूबसूरत नजारों को देखने और ईश्वर के दर्शन के लिए चारों धाम जाने की योजना रहे होंगे। उत्तराखंड के चार धामों में बद्रीनाथ मंदिर, केदारनाथ मंदिर, गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर के नाम शामिल हैं। इसमें केदारनाथ और बद्रीनाथ की तस्वीरें सबसे अधिक देखने को मिलती हैं। यहां के सुंदर नजारे, मंदिर के पीछे बर्फ से ढकी पहाड़ियां और घोड़े व पालकी पर बैठ दर्शन के लिए जाते यात्री देखकर ही मन प्रफुल्लित हो जाता है। हालांकि लोगों को इनके आसपास के पर्यटन स्थलों के बारे में अधिक जानकारी नहीं। यात्री बद्रीनाथ धाम तक जाते हैं और मंदिर के दर्शन कर लौट आते हैं। लेकिन इस बार अगर बद्रीनाथ जाएं तो आसपास की कुछ अन्य जगहों को भी एक्सप्लोर करें। बद्रीनाथ मंदिर के पास बहुत अद्भुत जगहें हैं, जहां घूमकर आपकी ट्रिप बहुत यादगार और मजेदार बन जाएगी। ये
- केदारनाथ(Kedarnath):–भारत के सबसे प्रतिष्ठित मंदिर स्थलों में से एक, केदारनाथ शहर शक्तिशाली गढ़वाल हिमालय में बसा है। प्रतिष्ठित केदारनाथ मंदिर के आसपास बना यह शहर चोराबाड़ी ग्लेशियर के पास 3,580 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जो मंदाकिनी नदी का स्रोत है। भगवान शिव को समर्पित, प्राचीन मंदिर की वास्तुकला उत्कृष्ट है और यह बेहद बड़े लेकिन समान आकार के भूरे पत्थर के स्लैब से बना है। मंदिर के अंदर एक शंक्वाकार चट्टान की संरचना को भगवान शिव के "सदाशिव" रूप में पूजा जाता है। भगवान शिव को समर्पित केदारनाथ मंदिर, चार धाम तीर्थयात्रा सर्किट का एक हिस्सा है, और भारत में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। केदारनाथ मंदिर के पीछे, केदारनाथ शिखर, केदार गुंबद और अन्य हिमालयी चोटियाँ हैं। इस क्षेत्र का ऐतिहासिक नाम "केदार खंड" है और किंवदंती है कि महाकाव्य महाभारत के पांडवों ने कौरवों को हराने के बाद, इतने सारे लोगों को मारने का दोषी महसूस किया और मुक्ति के लिए भगवान शिव का आशीर्वाद मांगा। भगवान ने उन्हें बार-बार चकमा दिया और बैल के रूप में केदारनाथ में शरण ली। भगवान ने केदारनाथ में अपना कूबड़ सतह पर छोड़ते हुए जमीन में गोता लगाया। भगवान शिव के शेष भाग चार अन्य स्थानों पर प्रकट हुए और वहां उनके स्वरूपों के रूप में पूजा की जाती है। भगवान की भुजाएं तुंगनाथ में, मुख रुद्रनाथ में, पेट मद्महेश्वर में और उनकी जटाएं कल्पेश्वर में प्रकट हुईं। केदारनाथ और उपर्युक्त चार मंदिर श्रद्धेय पंच केदार तीर्थयात्रा सर्किट बनाते हैं ।
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- गंगोत्री(Gangotri):–भारत अपनी आध्यात्मिकता और संस्कृति के लिए विश्व भर में जाना जाता है। और भारत अगर अपने अस्तित्व के लिए किसी का आभार माने तो वह इसकी नदियाँ होंगी। इन नदियों में सबसे महत्त्वपूर्ण है गंगा- उत्तर भारत की संस्कृति जिसके चारों तरफ फली फूली। गंगा अपने विशाल रूप में भारत को सींचते हुए महासागर में जा मिलती है। पर इससे पहले वह कई शहर, तीर्थ स्थल और उपजाऊ धरती की जननी बनती है। ज़ाहिर सी बात है, गंगा को भारत में पूजा जाता है और इसके उद्गम स्थल को विशेष माना जाता है।गंगा जहाँ से निकलती है। ऐसा माना जाता है कि स्वर्ग लोक से देवी गंगा धरती का उद्धार करने के लिए यहीं पर उतरी थीं। शिवजी ने गंगा को अपनी जटा से संचालित किया और उन्होंने नदी के रूप में गंगोत्री से बहना शुरू किया। गंगोत्री इसलिए हिन्दुओं का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है और सालों भर यहाँ पर देसी-विदेशी पर्यटक आते रहते हैं।
- यमुनोत्री(Yamunotri):–यमुनोत्री चार धाम ( गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ के साथ ) का एक हिस्सा है , जो हिमालय में चार सबसे प्रतिष्ठित हिंदू तीर्थस्थल हैं। अपने केंद्र में यमुनोत्री मंदिर के साथ छोटा पहाड़ी गांव, हर साल हजारों भक्तों को आकर्षित करता है और चार धाम यात्रा तीर्थयात्रा (मई से अक्टूबर) का शुरुआती बिंदु है, जो यमुनोत्री से गंगोत्री और अंत में केदारनाथ और बद्रीनाथ तक जाती है। यमुना के स्रोत के करीब एक संकीर्ण घाटी में स्थित, यमुनोत्री मंदिर गंगा के बाद दूसरी सबसे पवित्र नदी यमुना को समर्पित है। ऐसा कहा जाता है कि यमुना नदी में डुबकी लगाने से व्यक्ति असामयिक मृत्यु से बच जाता है। जानकी चट्टी से मंदिर (समुद्र तल से लगभग 3,233 मीटर ऊपर) तक पहुंचने के लिए भक्त या तो पैदल चलते हैं या पालकी की सवारी करते हैं, लगभग 3 किमी की खड़ी चढ़ाई में लगभग 3 घंटे लगते हैं।
- तुंगनाथ(Tungnath):–12,073 फीट की ऊंचाई पर स्थित तुंगनाथ मंदिर 1000 साल पुराना माना जाता है और पंच केदारों में दूसरा स्थान रखता है। इसमें महाभारत महाकाव्य के नायकों, पांडवों से जुड़ी एक समृद्ध किंवदंती है। रहस्यमय गढ़वाल क्षेत्र के एक हिस्से के रूप में, तुंगनाथ प्रसिद्ध कहानियों और प्रचुर सुंदरता का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि यहीं तुंगनाथ में भगवान शिव के हाथ तब रुके थे जब उन्होंने पांडवों से बचने की कोशिश की थी। और यह भी माना जाता है कि वर्तमान मंदिर का निर्माण पांडवों द्वारा भगवान को प्रसन्न करने के लिए किया गया था। यह स्थान एक शांत और धार्मिक माहौल का दावा करता है जहां कोई भी सर्वशक्तिमान की उपस्थिति को महसूस कर सकता है।
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