अमरनाथ यात्रा विश्वविख्यात यात्राओं में से एक है जो भगवान शिव को समर्पित है जहा भगवान शिव को एक बर्फ के शिव लिंग के रूप में पूजा जाता है जिन्हे बाबा बर्फानी के नाम से भी जानते है हिन्दुओं का सबसे बड़ा तीर्थ स्थल भी माना जाता है जहा हर हिंदू अपने जीवनकाल में एक बार ज़रूर जाना चाहता है जो कश्मीर में पड़ता है यहां जाने के लिए देश विदेश से यात्री बहुत ही मात्रा आते है चलिए आप को Amarnath yatra 2024 के संपूर्ण यात्रा और इनफॉर्मेशन साझा करते है जैसे:– कैसे पहुंचे, कहा रुके, खाना, रहना इत्यादि।
Amarnath yatra 2024
- बालटाल से अमरनाथ
- पहलगाम से अमरनाथ
अमरनाथ यात्रा कैसे जाए?
अमरनाथ यात्रा दो मार्गों से होती है। एक मार्ग पहलगाम मार्ग द्वारा 48 किलोमीटर लंबा और 3 दिन का समय के साथ पारंपरिक रास्ता माना जाता है ये अनंतनाग जिले के पहलगाम शेषनाग द्वारा पवित्र गुफा तक जाता है दूसरा मार्ग बालटाल मार्ग द्वारा 14 किलोमीटर खड़ी चढ़ाई और कठिन रास्ता माना जाता है गांदेरबल जिले के बालटाल द्वारा पवित्र गुफा तक जाता है। समुद्र तल से 12,756 फीट की ऊंचाई पर स्थित बाबा बर्फानी का गुफा श्रीनगर से 141 किलोमीटर दूर है जहा अमरनाथ यात्रा करने के लिए हर साल लाखों की तादाद में भक्त अमरनाथ तक पहुंचते हैं।बालटाल या पहलगाम कैसे पहुंचे ?
आप अपने शहर से जम्मू तवी तक का ट्रेन या बस, एयरोप्लेन पकड़ के जम्मू पहुंच सकते है(एयरोप्लेन से आप डायरेक्ट श्रीनगर पहुंच सकते है) जम्मू से जहा से आप को श्रीनगर तक बस या प्राइवेट टेक्सी कैब आदि मिल जाते है जिसके बाद आप श्रीनगर पहुंच कर हॉटल में आराम कर सकते है इसके बाद यहां से दो रूट निर्धारित किया गया है पहला बालटाल और दूसरा पहलगामपहलगाम से अमरनाथ गुफा तक पैदल यात्रा।
ट्रेकिंग मार्ग: पहलगाम बेस कैंप – चंदनवारी – पिस्सु टॉप – शेषनाग- पंचतरणी – अमरनाथ पवित्र गुफा–अमरनाथ यात्रा:–पहलगाम से अमरनाथ कि यात्रा की दूरी लगभग 47 किलोमीटर पड़ता है जिसकी यात्रा आप पैदल कर सकते है पहलगाम यात्री का बेस कैंप है पहला पड़ाव चंदनवाड़ी है जो बेस कैंप से लगभग 16 किलोमीटर पड़ता है जिसके बाद आता है पिस्सू टॉप जो इस पूरे रास्ते का सबसे कठिन रास्ता है जो चंदनवाड़ी से 3 किलोमीटर दूर है उसके बाद शेषनाग पड़ता है जिसकी दूरी पिस्सू टॉप से 9 किलोमीटर दूर है फिर शेषनाग के बाद पंचतरणी आता है जिसकी दूरी 14 किलोमीटर है 6 किलोमीटर और चढ़ने के बाद आता है अमरनाथ बाबा की पवित्र गुफा जहा आप दर्शन कर सकते है पहलगाम से पवित्र गुफा की दूरी लगभग 47–48 किलोमीटर पड़ सकता है जिसमे आप को 3 दिन से लगाए 5 दिन तक का समय लगेगा।
बालटाल से अमरनाथ गुफा तक पैदल यात्रा
ट्रेकिंग मार्ग: बलताल – डोमेल – बरारी मार्ग – संगम – अमरनाथ।अमरनाथ यात्रा:–बालटाल बेस कैंप से अमरनाथ गुफा की दूरी लगभग 14 किलोमीटर है जिसे चढ़ने में बहुत कठिनाई के साथ पूरा होता जिसमे 14 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई आप को थका देगी इस रास्ते की पहला पॉइंट डोमेल है जो बालटाल बेस कैंप से 2 किलोमीटर दूर है अगला पड़ाव बरारी मार्ग जो डोमेल से 5 किमी दूर है लगभग 4 किमी की ट्रैकिंग करने के बाद आप संगम तक पहुंचेंगे और फिर से 3 किमी ट्रेक करने के बाद आप अमरनाथ गुफा तक पहुंचेंगे।
अमरनाथ यात्रा बाय हेलीकॉप्टर
अमरनाथ यात्रा करने के लिए बहुत से मार्ग है लेकिन अमरनाथ गुफा तक पहुंचने के लिए सबसे तेज मार्ग हेलीकाप्टर है जिससे आप एक दिन में यात्रा कर के वापस आ सकते है अमरनाथ गुफा तक पहुंचने के लिए दो रूट है पहला बालटाल से पवित्र गुफा और दूसरा पहलगाम से पवित्र गुफा है चलिए आप को दोनो रूट के बारे में बताते हैपहलगाम से पवित्र गुफा बाय हेलीकॉप्टर
पहलगाम से अमरनाथ गुफा तक जाने केलिए आप हेलिकॉप्टर से जा सकते है इसके लिए आप को पहलगाम हेलीपैड से पंचतरणी हेलीपैड तक जा सकते है जहा से गुफा की दूरी लगभग 6 किलोमीटर ही रह जाता है जिसे आप पैदल या घोड़ा पिट्ठू पौनी या पालकी से जा सकते है ।बालटाल से पवित्र गुफा बाय हेलीकॉप्टर
बालटाल से अमरनाथ की गुफा तक पहुंचने का सबसे फास्ट और सबसे सुविधाजनक तरीका है। आप निलग्रंथ से पंजतरणी के लिए हेलिकॉप्टर पर चढ़ सकते हैं जो आप को गुफा से 6 किमी की दूरी पर उतार देती है यात्री पंजतरणी से गुफा तक पहुंचने के लिए पैदल पालकी पिट्ठू या पोनी का उपयोग कर सकते है।अमरनाथ यात्रा 2024 की रजिस्ट्रेशन
अमरनाथ का यात्रा करने के लिए यात्री को अपना रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होता है इस साल रजिस्ट्रेशन सोमवार 15 अप्रैल 2024 को स्टार्ट हो गया है जो अमरनाथ श्राइन बोर्ड के वेबसाइट पर ऑनलाइन भी कर सकते है और जिन यात्री को अमरनाथ यात्रा करना है उन्हे रजिस्ट्रेशन और हेल्थ सार्टिफिकेट बनवाना जरूरी है अमरनाथ यात्रा रजिस्ट्रेशन श्राइन बोर्ड के द्वारा किया जाता है जो ऑनलाइन और ऑफ लाइन दोनो तरीके से होता है–
- अमरनाथ यात्रा ऑफलाइन करने के लिए श्राइन बोर्ड द्वारा दिए गए बैंक में जा कर बैंक में फार्म भर कर और रजिस्ट्रेशन फीस देकर करवा सकते है साथ में ही आप को श्राइन बोर्ड द्वारा दिए गए डॉक्टर से हेल्थ सार्टिफेक्ट जरूर बनवाए
- अमरनाथ यात्रा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने के लिए श्राइन बोर्ड के ऑफिशियल वेबसाइट पे जाकर फार्म भर के रजिस्ट्रेशन फीस पेड कर के रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं उसके बाद श्राइन बोर्ड द्वारा दिए गए डॉक्टर के पास से हेल्थ सर्टिफिकेट जरूर ले।
अमरनाथ यात्रा रजिस्ट्रेशन फीस क्या है और रजिस्ट्रेशन कहा होगा ?
Amarnath yatra 2024 रजिस्ट्रेशन फीस 150 रुपए प्रति यात्री रखा गया है। यात्रा का रजिस्ट्रेशन श्राइन बोर्ड द्वारा बताए गए बैंक शाखाओं पे रजिस्ट्रेशन करवा सकते है Amarnath yatra 2024 के लिए ऑफिशियल वेबसाइट https://jksasb.nic.in/ पर ऑनलाइन भी रजिस्ट्रेशन फीस देकर रजिस्ट्रेशन करवा सकते है। इसके अलावा श्राइन बोर्ड की मोबाइल एप्लिकेशन से भी अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकते है ।अमरनाथ यात्रा करने के लिए कितने उम्र के लोगो का जाना माना है।
आप को बता दे अमरनाथ यात्रा के लिए 13 वर्ष से कम और 70 वर्ष से अधिक आयु के वक्ति या बच्चो का जाना मना है । और इसी के साथ 6 सप्ताह से अधिक प्रेगनेंट महिला का यात्रा मे जाना सख्त मना है साथ ही में उनका रजिस्ट्रेशन भी नही किया जाएगा।अमरनाथ यात्रा पर जाने का समय और मौसम।
अमरनाथ यात्रा 2024:– श्रद्धालुओ का यात्रा करने का सबसे अच्छा समय जुलाई से अगस्त का महीना होता है इसके साथ ही यात्रा दो महीने तक खुला रहता है और श्रावण पूर्णिमा के दिन यानी रक्षाबंधन के दिन समाप्त होता है बात करे मौसम की तो अमरनाथ गुफा पे मौसम बेहद ठंडा रहता है वहा का मौसम कभी भी बदल सकता है कभी बर्फबारी तो कभी बारिश होना चालू हो जाता है इस लिए आप अपने साथ जरूर गरम कपड़े और छाता और रेनकोट जैसे सुरक्षा के समान जरुर लेकर जाए।यात्रा के दौरान खाने पीने की व्यवस्था
पहलगाम या बालटाल से लगाए पवित्र गुफा तक आप को कई सारे लंगर मिल जायेंगे जहा पर आप मुफ्त में भोजन ,दूध, दही, चाय, पानी, नमकीन बिस्किट ,ड्राई फ्रूट्स, मिठाईया ,और बहुत कुछ मिलता रहता है जहा आप को खाने पीने की कोई परेशानी नहीं होगी साथ में ही कही पे रहने के लिए भी मुफ्त में जगह मिल जाता है और पूरे ट्रेक के हर पॉइंट पर दवा और मेडिकल सुभिदा प्रशासन या श्राइन बोर्ड द्वारा पूरे रास्ते मिलता रहता है साथ ही छोटे हॉस्पिटल भी मौजूद है
अमरनाथ यात्रा के दौरान यूज होने वाले कुछ महत्वपूर्ण समान।
अगर आप अमरनाथ यात्रा पर जा रहे है तो आप को कुछ सामान ले जाना जरूरी होता है जिससे आप की यात्रा मंगलमय हो जैसे–- जूते और मोजे
- गर्म कपड़े ऊनी टोपी
- जैकेट और दस्ताने
- गर्म इनरवियर
- सनस्क्रीन क्रीम और ओडोमास
- कोट ट्रेकिंग के लिए लाठी
- एक पानी का बोतल
- फर्स्ट एड किट
अमरनाथ यात्रा करते समय इन बातों को ध्यान रखें
अगर आप को कोई बीमारी है तो आप यात्रा करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर ले और डॉक्टर से चेकप जरूर करवाएं।अमरनाथ यात्रा में शराब, बीड़ी, सिगरेट ,तंबाकू ,इत्यादि ले जाना सख्त मना है।
अमरनाथ यात्रा बॉडी फिटनेस
अमरनाथ यात्रा करने से पहले आप को अपने शरीर को अच्छे से तयार करना जरूरी है क्यो की अमरनाथ यात्रा हाई एल्टीट्यूड पर किया जाता है इसकी चढ़ाई बहुत ही कठिन और दुर्गम है इसी लिए आप को कम से कम 1 से 1.5 महीना पहले से ही 5 से 10 किलोमीटर टहलना चाहिए जिससे आप का शरीर उस हिसाब से तयार हो सके और साथ ही में योग और जिम भी कर सकते है साथ ही आप को हाई ब्लड प्रेशर और दमा जैसे बीमारियां है तो आप डॉक्टर से सलाह और चेकअप करा कर ले अमरनाथ की गुफा 13,500 फीट की ऊँचाई पर हैं यहां हवा का दबाव बहुत कम होता है और आप सूर्य के यूवी किरणों के संपर्क में रहते है जिससे आप को सिरदर्द उल्टी जी मिचलना सास लेने में कठिनाई जैसे बहुत सी समस्याएं हो सकती है ।अमरनाथ यात्रा के लिए आवश्यक आईडी प्रूफ
अमरनाथ यात्रा करने से पहले पाने डैक्यूमेंट्स को अच्छे से संभाल कर जरूर रख ले जैसे आधार कार्ड,पान कार्ड, पासपोर्ट ,रजिस्ट्रेशन हेल्थ सार्टिफिकेट इत्यादि।
अमरनाथ की अमरत्व कथा
अमरनाथ की कथा पुराणों में बहुत ही प्रचलित कथा है जब भगवान शिव ने माता पार्वती के जिद्द पर उन्हें अमरत्व की कथा सुनाते है मना जाता है की माता पार्वती ने भगवान शिव से अमरत्व की कथा सुनाने की जिद करने लगी तो भगवान ने अमरत्व की कथा सुनाने के लिए उन्हे हिमालय के तरफ बने एक गुफा की ओर ले गए जाते समय पहलगाम से यात्रा चालू किया पहले पड़ाव पर पहलगाम में अपने प्रिय सवारी नंदी जी को वहा छोड़ दिया उसके बाद चंदनवाड़ी में भगवान चंद्रमा को और शेषनाग झील में अपने प्रिय सर्प शेषनाग को और पंचतत्व को पंचतरणी में और अपने पुत्र गणेश जी को गणेश टॉप पे छोड़ कर वह अमरनाथ गुफा की ओर चल दिए उसके बाद भगवान शिव ने पार्वती के साथ इस पवित्र अमरनाथ गुफा में प्रवेश किया उसके बाद माना जाता है कि वह खुद हिरण के खाल पर बैठ के समाधि ली फिर उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए कि एक भी जीवित व्यक्ति अमर कथा को न सुन सके इस लिए उन्होंने कलाग्नि नाम का एक रुद्र बनाया और उसे गुफा के चारों ओर आग लगाने का आदेश दिया ताकि उस स्थान के आसपास रहने वाली हर जीव, जंतु ,चीज को नष्ट किया जा सके फिर उन्होंने पार्वती को अमरत्व की कथा सुनाना शुरू किया। लेकिन इन सभी प्रयाशो के बाद भी भगवान शिव के हिरण के खाल के नीचे एक कबूतर का अंडा रह ही गया जिसमे से एक कबूतर का जोड़ा जन्म लिया और उन्होंने अमरत्व की कथा सुन लिया और माना जाता है कि वह अमर हो गया अगर आप अमरनाथ की यात्रा कर रहे है तो आप को सायद गुफा में वह कबूतर के जोड़े दिख सकते है इस घटना के बाद भगवान शिव ने कहा की जो इन्सान अमरनाथ यात्रा कर के पवित्र गुफा का दर्शन करेगा उसे मोक्ष की प्राप्ति अवश्य होगी ।हमे जान के खुशी होगी की यह सूची आपके काम आई होगी हमारे दिए गए जानकारी से आप की यात्रा मंगलमय हो ।
।।जय भोले की ।।
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